पर्दा और हिन्दू धर्म
मेरे कुछ हिन्दू भाई मुझसे कहते है की तुम मुस्लिम लोग अपनी औरतो को पर्दे मे रख कर उन पर अत्याचार करते हो भला औरतो को इस तरह पर्दे मे रख कर यह भयानक सज़ा उन्हे क्यों देते हो.?
इसी तरह के और भी कई सवाल मेरे हिन्दू भाई अकसर करा करते है!
मेरे कुछ हिन्दू भाई मुझसे कहते है की तुम मुस्लिम लोग अपनी औरतो को पर्दे मे रख कर उन पर अत्याचार करते हो भला औरतो को इस तरह पर्दे मे रख कर यह भयानक सज़ा उन्हे क्यों देते हो.?
इसी तरह के और भी कई सवाल मेरे हिन्दू भाई अकसर करा करते है!
मेरा तो उन हिन्दू भाईयो को सिर्फ यही जवाब है भाइयो हम तो सिर्फ अपने धर्म पर ही चलते है और चलते रहेगे! पर आप अपना धर्म भूल गये हो ?
आईये देखे कि हिन्दू धर्म क्या कहता है औरत के पर्दे करने के बारे मे ?
ऋग्वेद मे लिखा है की, “ ईश्वर ने तुम्हे औरत बनाया है, इसलिये तुम अपनी आंखे झुकी रखा करो, पुरुषो की तरफ मत देखा करो ! अपने पैर एक दूसरे से सटा के रखो, और अपने वस्त्र मत खोलो , खुद को घूँघट मे छुपा के रखा करो”
(ऋग्वेद 8, 33, मंत्र 19-20)
इसी तरह रामकथा मे भी राम ने सीता को पराये आदमियो से पर्दा करने को कहते हैं :- जब राम ने परशुराम को आते देखा तो सीता से कहा ''सीता अपने आप को घूँघट मे छुपा लो और अपनी आँखें झुका लो''
(महावीरा चरित्रा, आक्ट 2, पेज 71)
आईये देखे कि हिन्दू धर्म क्या कहता है औरत के पर्दे करने के बारे मे ?
ऋग्वेद मे लिखा है की, “ ईश्वर ने तुम्हे औरत बनाया है, इसलिये तुम अपनी आंखे झुकी रखा करो, पुरुषो की तरफ मत देखा करो ! अपने पैर एक दूसरे से सटा के रखो, और अपने वस्त्र मत खोलो , खुद को घूँघट मे छुपा के रखा करो”
(ऋग्वेद 8, 33, मंत्र 19-20)
इसी तरह रामकथा मे भी राम ने सीता को पराये आदमियो से पर्दा करने को कहते हैं :- जब राम ने परशुराम को आते देखा तो सीता से कहा ''सीता अपने आप को घूँघट मे छुपा लो और अपनी आँखें झुका लो''
(महावीरा चरित्रा, आक्ट 2, पेज 71)
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